Tuesday, February 8, 2011

श्रृंगी आश्रम

विस्फी प्रखंड मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है श्रृंगी ऋषि का आश्रम. यह मंदिर ग्राम के उत्तर-पूर्व दिशा में धौस नदी के तट पर स्थित है.यह मंदिर स्थानीय जनता की आस्था का पवित्र एवं प्रसिद्द केंद्र रहा है.
स्कन्द पुराण में श्रृंगी ऋषि की कथा वर्णित है.वाल्मीकि रामायण के अनुसार ऋषि श्रृंगी विभंडक ऋषि के पुत्र एवं महर्षि कश्यप के पौत्र
थे.राजा दशरथ के पुत्रेर्ष्टि यज्ञ में ऋषि श्रृंगी को बुलाने उनके द्वारा यज्ञाअनुष्ठान का वर्णन है.जिससे .राजा दशरथ को पुत्र -रत्न की प्राप्ति हुई थी.मिथिला ऋषि श्रृंगी के तपस्या का मुख्य केंद्र रहा है
जिन दम्पतियों की संतान सुख की कामना पूर्ण नही हो रही है वो यहाँ आकर "हरिवंश पुराण"विधिवत सुनते है तो उनकी कामना पूर्ण होती है.आज भी मिथिला में यह आस्था धूमिल नही हुई है.इस स्थान का ऐसा अद्भुत महत्व है कि सभी धर्मं संप्रदाय के लोगों की आस्था इसमें है.
1901 ई के सर्वे में इस स्थान का खतियान धर्मदेगा के नाम से उल्लेखित है जिसका अर्थ है कि यह एक धार्मिक स्थान है. दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड पर टेकटार रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है. टेकटार रेलवे स्टेशन और कमतौल स्टेशन के बीच
16 नंबर गुमटी के नजदीक 60 दशक में एक बोर्ड रेल विभाग ने लगा रखा है,जिस पर लिखा है "रामायण में वर्णित श्री श्रृंगी मुनि का आश्रम यहाँ से २किलोमेतेर उत्तर-पूर्व दिशा में अवस्थित है जहाँ केवल पैदल जाया जा सकता है".
यहाँ यह बताना भी जरुरी है कि जिस जगह में मंदिर स्थित है जमीन भूत पूर्व विधान पार्षद स्व .कुमार कल्याण लाल का था,इस मंदिर का न तो कोई मालिक है न ही कोई कमिटी है .भक्तजन ही यदा-कदा साफ- सफाई करते है ,लेकिन पूजा-पाठ प्रति दिन ग्रामीणों द्वारा कि जाती है. शिवरात्रि एवं शिव से सम्बंधित अन्य पर्व ग्रामीणों के सहयोग से धूम-धाम से मनाया जाता है.धार्मिक न्यास परिषद् का इस धार्मिक स्थल के संरक्षण का दायित्व बनता है.

9 comments:

  1. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

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  2. धन्यवाद्

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  3. अच्छा लगा जानकर कि कोई मंदिर ऐसा है जहां की व्यवस्था ग्रामीण ही करते हैं...कोई मालिक या कमेटी नहीं

    http://veenakesur.blogspot.com/

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  4. महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी. स्वागत.

    सदाबहार देव आनंद

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  5. saarthak post
    aapne bahut sundar jagah ke baare men jaankari di

    bahut aabhaar
    shubh kamnayen

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  6. अच्छी जानकारी, आभार...
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  7. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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