Wednesday, May 26, 2010

जिस देश में हजारों कि संख्या मे मुकदमा लंबित है ,वहाँ अभी वाल्मीकि क्या थे वो फैसला होना ज्यादा जरुरी हो गया है.कितने लोग तो सिर्फ फैसला सुनने के लिए जिन्दा रहते है,पर साँसे कम पर जाती है.मैं भी धार्मिक भावना कि कद्र करती हूँ .